
हरियाणा विधानसभा ने राज्य में प्राइवेट सेक्टर में नौकरियों में स्थानीय युवाओं को 75% आरक्षण देने वाला बिल पास कर दिया है। ऐसा करने वाला हरियाणा देश का पहला राज्य बन गया है। हरियाणा सरकार में भाजपा की सहयोगी जननायक जनता पार्टी (JJP) ने चुनावों के दौरान जनता से यह वादा किया था।
50 हजार से कम सैलरी वाली नौकरी में लागू होगा आरक्षण
हरियाणा स्टेट एम्प्लॉयमेंट ऑफ लोकल केंडिडेट बिल 2020 के मुताबिक, प्राइवेट सेक्टर में 50 हजार रुपए से कम वाली नौकरियों में ही यह आरक्षण लागू होगा। जिस जिले में कंपनी स्थापित है, उस जिले के केवल 10% युवाओं को ही नौकरी में आरक्षण मिलेगा। अन्य 65% आरक्षण प्रदेश के दूसरे जिलों के युवाओं को दिया जाएगा।
10 साल के लिए लागू होगा आरक्षण
प्रारंभिक तौर पर यह आरक्षण 10 साल के लिए लागू होगा। हालांकि, राज्य के राज्यपाल की मंजूरी के बाद ही यह बिल कानून बन पाएगा। बिल के मुताबिक, प्राइवेट कंपनी, सोसायटी, ट्रस्ट और पार्टनरशिप फर्मों पर यह आरक्षण लागू होगा। यदि स्थानीय स्तर पर प्रशिक्षित उम्मीदवार नहीं मिलेंगे तो स्थानीय युवाओं को प्रशिक्षण देकर नौकरी के योग्य बनाया जाएगा।
डिप्टी सीएम ने पेश किया था बिल
हरियाणा विधानसभा में डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला ने गुरुवार को यह बिल विधानसभा में पेश किया था। इस समय हरियाणा विधानसभा के मानसून सत्र का दूसरा चरण चल रहा है। इस बिल के मुताबिक, राज्य के स्थायी निवासी को ही आरक्षण का लाभ मिलेगा। हरियाणा में जन्मे या बीते 15 सालों से निवास कर रहे युवाओं को स्थायी निवासी माना जाएगा।
JJP नेता ने की आलोचना
प्राइवेट सेक्टर में नौकरियों में स्थानीय युवाओं को 75% आरक्षण देने के सरकार के फैसले का JJP नेता राम कुमार गौतम ने आलोचना की है। राम कुमार का कहना है कि यह कानून गलत मिसाल पेश करेगा और दूसरे राज्य हरियाणा के युवाओं को नौकरी देना बंद कर देंगे। उन्होंने कहा कि यदि दूसरे राज्य हरियाणा के युवाओं को नौकरी देने से मना कर देंगे तो वे कहां जाएंगे? क्या आप दूसरे राज्य के किसी व्यक्ति को यहां काम करने से रोक सकते हैं?
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